रविवार, 13 सितंबर 2020

नरेन्द्र मोदी की वीसी में मुरैना से शामिल हुये शिवराज , सिंधिया और केन्द्रीय मंत्री तोमर

  

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ’गृह प्रवेश’ का शुभारंभ कर आज मध्यप्रदेश के पौने दो लाख प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को आवास उपलब्ध करवाया। ऑन लाइन गृह प्रवेश कार्यक्रम के माध्यम से मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के शानदार क्रियान्वयन का साक्षी आज पूरा देश बना। इस मौके पर मुरैना से कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कृषि राज्यमंत्री श्री गिर्राज दंडोतिया, पूर्व मंत्री श्री रुस्तम सिंह, एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव, चंबल कमिश्नर श्री आरके मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा, कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा भी शामिल हुए। मध्यप्रदेश के आवास पाने वाले हितग्राहियों से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आत्मीयता पूर्वक बातचीत भी की।       

हितग्राहियों से बातचीत
    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योजना में लाभान्वित अब हितग्राही अपने घर में रह रहे हैं। आपकी त्योहारों की खुशियाँ ज्यादा होंगी। जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने मैं स्वयं प्रत्यक्ष आता, लेकिन कोरोना ने विवश कर दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने धार जिले के श्री गुलाब सिंह आदिवासी, सिंगरौली जिले के श्री प्यारेलाल यादव और ग्वालियर के श्री नरेन्द्र नामदेव से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने सराहा हल्मा पद्धति से बना घर
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने धार जिले के गुलाब सिंह आदिवासी से हल्बी बोली में संवाद आरंभ किया। उन्होंने हितग्राही श्री गुलाब सिंह की अच्छा घर बनाने के लिए तारीफ की। प्रधानमंत्री ने वयोवृद्ध श्री गुलाब सिंह की स्वस्थ्य की जानकारी ली, तो गुलाब सिंह ने कहा कि मैं मेरा कुछ दिन से स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अतरू मेरी ओर से मेरा बेटा बात करेगा। श्री गुलाब सिंह के सुपुत्र श्री मेरु ने बताया कि आवास मिलने से हुई अत्याधिक खुशी के कारण पिता थोड़े अस्वस्थ हैं। प्रधानमंत्री को मेरु ने बताया कि अंचल में प्रचलित हल्मा परंपरा से उन्होंने आवास निर्माण किया है। इसमें गांव के लोग मिलकर मकान बनाने का काम करते हैं और जिसका मकान बन रहा होता है, वह सबको भोजन करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि शासकीय पहल और सामाजिक सहयोग की यह अनोखी मिसाल है। इसमें गांव के सभी लोगों की दक्षता का उपयोग होता है। यह जीवन को सरल बनाने का व्यवाहरिक उपाय है। सरकार भी गरीबों के सपने पूरे करने के लिए इस पद्धति पर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री गुलाब सिंह के आवास पर हुई चित्रकारी की प्रशंसा की। गुलाब सिंह ने बताया कि यह मांडना है जिसे इस अंचल में घर की साज-सज्जा के लिए बनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने पूछा- कहीं लेनदेन तो नहीं करना पड़ा
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगरौली जिले के बेढन के ग्राम पंचायत गडेरिया के श्री प्यारेलाल यादव से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने श्री यादव से पूछा की गृह प्रवेश के मौके पर खाने में क्या बना है और खुशी के इस मौके पर मीठे में क्या बना है। < br> प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा की आवास बनाने में कोई परेशानी तो नहीं आई। कहीं लेनदेन तो नहीं करना पड़ा? बैंक के कितने चक्कर काटे? इस पर श्री यादव ने बताया कि बिना चक्कर काटे समय पर किश्त हमारे खाते में आती रही और मकान बनाने के लिए जरूरी तकनीकी मार्गदर्शन भी मिलता रहा।
    श्री यादव ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने अपना घर फ्लायी एश (राखड़) की ईटों से बनाया है। यह किफायती भी रहा और सामान्य ईंट की तुलना में अधिक मजबूत भी है। प्रधानमंत्री ने इस नवाचार की प्रशंसा की और श्री यादव से उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जानकारी भी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल मकान बनाने की योजना नहीं है। यह आत्मविश्वास देने की योजना भी है। हमारी सोच है कि गरीबी को पराजित करना है तो हमें गरीब को ताकत देनी होगी। हमारी कोशिश है कि गरीबों की समस्याएं कम की जाएं। ताकि आप अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर सकें।
कच्चे मकान में सर्पदंश से हुई थी बेटे की मौत, पक्के मकान ने दी प्रसन्नता
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्वालियर जिले के योजना के हितग्राही श्री नरेन्द्र नामदेव से भी बातचीत की। श्री नरेन्द्र नामदेव ने बताया कि कच्चे मकान में उनके बेटे की सांप काटने से असमायिक मृत्यु हो गई थी। वो दुरूख बहुत बड़ा था लेकिन आज बहुत खुशी मिल रही है। मैं गांव के बच्चों के लिए गणवेश तैयार करता हूँ मेरी पत्नी भी सिलाई करती है हम लोगों ने जिला पंचायत के माध्यम से 8 दिन का सिलाई प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री नामदेव से कहा कि आपने बेटे की सर्पदंश से मृत्यु का दुख झेला है लेकिन अब आज यह मकान मिलने से जो प्रसन्नता हुई है उससे सभी प्रसन्न हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री नरेंद्र को कहा कि आपको चश्मा लगा है इससे मुझे ध्यान आया कि मेरी दादी कहती थी आँखों के कसरत के लिए सुई-धागे का उपयोग करना चाहिए। आप सिलाई कार्य करते हैं जिससे यह कार्य अपने आप हो जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री नरेन्द्र नामदेव के मकान को देखकर पूछा कि दीवारों पर किए गए रंग का चयन किसने किया है? श्री नामदेव ने बताया कि पत्नी अनिता ने यह रंग चुना। नामदेव दंपति ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को घर आने का आमंत्रण भी दिया, जिसके उत्तर में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वे जरूर आएंगे।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हितग्राहियों से बातचीत के बाद उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से इन सभी हितग्राहियों का नया जीवन प्रारंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना सिर्फ मकान नहीं आत्मविश्वास भी देती है। आपदा को अवसर में बदला गया है। यह जनता को विश्वास देने वाला कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज का दिन करोड़ों लोगों को भरोसा दिलवाता है कि योजनाएं सही ढंग से लागू होती हैं। ये घर आपके बेहतर भविष्य का आधार होगा, आप सभी नए जीवन की शुरुआत कीजिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हितग्राहियों से कहा अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी सजग रहें।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश की यह उपलब्धि मीडिया को भी जानना चाहिए। योजना में आमतौर पर एक मकान के निर्माण में 125 दिन लगते हैं। मध्यप्रदेश में बहुत से मकान सिर्फ 45 से 60 दिन में बन गए। मध्यप्रदेश में जिस गति से यह कार्य हुआ है, वह अपने आप में एक रिकार्ड है। मध्यप्रदेश में 1.75 लाख आवासों का निर्माम एक बड़ी उपलब्धि है। यह गति रही तो वर्ष 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मध्यप्रदेश का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
आवास योजना की विशेषताएं इन्द्रधनुषी   
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस योजना की सफलता का आधार है योजना का पारदर्शी होना। पहले भी घर बनते थे, दशकों से योजनाएं लागू हैं। आजादी के बाद से ही आवास बन रहे हैं, लेकिन करोड़ों लोगों को घर देने का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता था। सरकार हावी थी पहले। फर्क यह है कि अब हितग्राही उसका हिस्सा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आवास के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए शेड भी बन रहे हैं। ग्रामीण सड़कें भी बन रही हैं और अन्य कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र से ग्रामों में लौटे श्रमिकों को रोजगार भी मिला है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को गति मिली है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आवास योजना में पहले निर्मित घरों में लोग शिफ्ट नहीं होते थे। ये पुराने अनुभव देखे गए और नई सोच से योजना लागू की गई। अब पारदर्शी प्रक्रिया से कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण लोगों का रहन-सहन अलग होता है। अब घरों की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में वापस लौटे मजदूरों ने अपने परिश्रम से समय के पहले मकान बनाने का कार्य कर दिखाया।
मध्यप्रदेश ने आवास से 27 योजनाओं को जोड़ा
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा आवास योजना में अब लाभार्थी खुद मकान बनाता है। यह इन्द्रधनुषी स्वरूप है योजना का। इसके अपने रंग हैं। बिजली, पानी के लिए हितग्राही को अब भटकना नहीं पड़ता। हितग्राही को आवास के साथ अन्य योजनाओं का लाभ मिलता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने योजना से 27 अन्य योजनाओं को जोड़ा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से गरीब को सिर्फ घर ही नहीं बल्कि उज्जवला, उजाला, स्वच्छ शौचालय और आयुष्मान भारत आदि योजनाओं का लाभ भी इस योजना के कारण सीधे मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अच्छे क्रियान्वयन के लिए मैं शिवराज जी की सरकार को बधाई देता हूँ। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने।
ऑप्टिकल फायबर की क्रांति
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के प्रयास हुए जिनका लाभ मिल रहा है। ऑप्टिकल फायबर पहुंचने से सेवाएं बेहतर हो रही हैं। देश में 116 जिलों में 19 हजार किलोमीटर का जाल बिछा दिया गया है। मध्यप्रदेश में भी 1300 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है, जो सराहनीय है। देश के 6 लाख गांव में ऑप्टिकल फायबर बिछाने के लक्ष्य के मुकाबले 2.5 लाख ग्रामों तक यह कार्य पूरा हो गया है। इसे गांव-गांव पहुंचाने के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानियाँ न छोड़ें
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन का समापन इस आव्हान के साथ किया कि कोरोना के संक्रमण की समस्या समाप्त नहीं हुई है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वो स्वच्छता का पूरा ध्यान रखे। इस संक्रमण को दूर करने की दवाई अर्थात वैक्सीन जब तक नहीं आती तब तक ढिलाई नहीं होना चाहिए। मास्क का उपयोग करें। परस्पर दो गज की दूरी अवश्य रखें।
मध्यप्रदेश में मकान बनाने का वार्षिक लक्ष्य पूरा, अब तक बने 17 लाख - मुख्यमंत्री श्री चौहान  
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने वाले प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत है। हर गरीब का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। हर व्यक्ति चाहता है कि इस जमीं पर उसका भी एक घर हो। श्री चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के 1.75 लाख लोग आनंद के माहौल में हैं, जिन्हें आवास मिलें हैं। प्रदेश में उत्सव का माहौल है। इसके साथ ही अन्य लोग जिनके पास अपना मकान नहीं है, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। हितग्राहियों को योजना में चार किश्तों मे 654 करोड़ की राशि प्रदान की गई। इस वर्ष प्रदेश के वार्षिक लक्ष्य पूर्ण करते हुए 6 लाख मकान बन गए हैं। प्रदेश में 20 लाख के लक्ष्य के मुकाबले योजना के अंतर्गत 17 लाख आवास बनाए जा चुके हैं। मकान के साथ ही एक रूपये किलो की कीमत पर अनाज देने का कार्य भी किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के ऐसे 37 लाख लोग जिनके पास पात्रता पर्ची नहीं थी, वे अब अनाज प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गृह प्रवेशम् कार्यक्रम 16 हजार 440 ग्राम पंचायतों के 26 हजार 548 ग्रामों में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए 1 करोड़ 24 लाख 92 हजार 394 लोगों ने प्री-रजिस्ट्रेशन करवाया जो योजना के प्रति जनता के उत्साह का प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के देश की 75वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ पर हर व्यक्ति के अपने पक्के मकान का संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहेगा।

(1 days ago)





जो जितनी देगा, उससे दुगनी लेगा , चंबल अटल प्रोग्रेस वे में किसानोंं द्वारा खुशी खशी दी जा रही जमीन पर मुख्यमंत्री शिवराज बोले

  

मुरैना 12 सितंबर ( ग्वालियर टाइम्स - मुरैना ब्यूरो )  अटल प्रोग्रेस-वे के लिये खुशी-खुशी जमीन दे रहे है किसान। शनिवार को श्योपुर और मुरैना जिले से 6 किसानों ने चंबल कमिश्नर कार्यालय में आकर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले। सभी 6 किसानों ने मुख्यमंत्री जी के सामने खुश होकर कहा कि मुख्यमंत्री जी आपने चंबल अटल प्रोग्रेस-वे को स्वीकृति दिलाकर हमारे क्षेत्र को चमन कर दिया है। हमारी आगे आने वाली पीड़ी को इस प्रोग्रेस-वे से रोजगार धंधे मिलेंगे। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि जो जमीन हमें बदले में मिल रही है वो भी विकसित करके दी जा रही है और चंबल अटल प्रोग्रेस-वे के किनारे की जमीन हमें दी है, जिस पर हम ढ़ाबा होटल सहित अन्य धंधे खोल सकते है।
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी 6 किसानों को धन्यवाद देते हुये कहा कि चिन्ता मत करना, मुख्यमंत्री शिवराज आपके साथ है। जितनी किसान जमीन देगा, उससे दोगुनी जमीन सरकार किसानों को देगी। सरकार आप सभी के साथ है।
    राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सभी को सिंचित जमीन मिलेगी।  
    जमीन देने वाले किसानों में श्योपुर जिले के ग्राम सामरसा की जलेबीबाई है, जिन्होंने चंबल अटल प्रोग्रेस-वे को जमीन सर्वे क्रमांक 133 में से आधा हेक्टेयर जमीन दी है, बदले में इन्हें दातरदा में एक हेक्टेयर जमीन जलेबीबाई को दी गई है। श्योपुर के ही बनवाड़ा में नवलकिशोर प्रजापति ने जमीन सर्वे क्रमांक 95/1 में से दो बीघा जमीन दी है, बदले में सरकार ने 4 बीघा जमीन दी है। दातरदाकलां रामलखन बेरवा ने सर्वे नंबर 276 में से ढ़ाई बीघा जमीन प्रोग्रेस-वे को दी है। मुरैना जिले के रिठौनाकलां के पुरूषोत्तम पटेल ने सर्वे नंबर 11-10-15-24-191-197-199-200 में से 6 बीघा जमीन दी है। रिठौनाकलां के ही प्रदीप सिंह तोमर ने हल्का भुज 8 में से 6 बीघा जमीन दी है। इसी तरह अंबाह के ऐसाह गांव के जगदीश शर्मा ने सर्वे नंबर 171 में से 13 बीघा 16 वीसवा जमीन चंबल अटल प्रोग्रेस-वे को दी है। 
    मौके पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से भेंट की। प्रधानमंत्री आवास मिले, जिसमें बिचौना गांव के लक्ष्मण, जारह की श्रीदेवी दर्शनलाल ने मौके पर आवास मिलने की खुशी में मुख्यमंत्री को बधाई देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जी आप गरीबों सर्वहारा वर्ग के मददगार हो। 
    इस अवसर पर चंबल कमिश्नर श्री आर.के. मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज शर्मा, कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग सुजानिया, जिला पंचायत के सीईओ श्री तरूण भटनागर, अतिरिक्त चंबल कमिश्नर श्री अशोक चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

सायबर क्राइम और सोशल मीडिया पर हतोत्साहित होने से कैसे बचें और मुलजिम कैसे पकड़ें भाग - 1

सायबर क्राइम और हेकिंग कैसे पहचानें और क्या कानूनी कार्यवाही करें कि हैकर्स और आनलाइन आपको सोशल मीडिया तथा अन्य जगह हतोत्साहित करने वाले क्रिमिनल्स को सजा दिलाकर जेल भिजवायें -- नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनंद'' एडवोकेट , सायबर क्राइम स्पेशलिस्ट एडवोकेट
बहुत खतरनाक है माइक्रोसाफ्ट का एज क्रोमियम ब्राउजर ..... हेकर्स के लिये बेहद आसान और प्राक्सी वेबसाइट ... नकली वेबसाइटों की ओर रीडायरेक्ट करना .... नये एज क्रोमियम वेब ब्राउजर की विशेषता है , सेव्ड पासवर्ड का हैकर्स के लिये आसानी से इस्तेमाल करना तथा मनमाने नकली प्रदर्शन करना आदि नये एज क्रोमियम ब्राउजर की खासियतें हैं , बच कर रहिये , इसे एंटीवायरस भी सिक्यारिटी प्रदान नहीं करता है , इसमें व्हाटस वेब भी नहीं चलता है और इस एज क्रोमियम ब्राउजर को डिनाई कर देता है ,जबकि इसके उलट इंटरनेट एक्सप्लोरर , गूगल क्रोम ब्राउजर सही काम करते हैं , जबकि फायर फॉक्स को एंटीवायरस सिक्योरिटी प्रदान नहीं करता , हालांकि इसमें व्हाटस एप्प वेब सही चलता है .... अत: इंटरनेट इस्तेमाल करते समय या सर्फिंग करते समय ब्राउजर का चयन काफी सोच समझ कर करें और सिस्टम के सेव पासवर्डों को हर 36 र्घंटे पर बदलते रहें , हालांकि मात्र अकेला माइक्रोसाफ्ट अपने ई मेल में हर 72 घंटे पर पासवर्ड बदलने की सुविधा देता है लेकिन अन्य कोई नहीं , लिहाजा आप कोई सा अकाउंट इस्तेमाल करें दो चरणीय सत्यापन अवश्य लागू करें ।
हैकर इसके बाद अपने आपकी मोबाइल सिम को कनेक्ट करने/ हैक करने का प्रयास करेगा , आप बड़ी आसानी से पकड़ सकेंगें कि हैकर अगल बगल में है या दूर से रिमोट कंट्रोल किया जा रहा है , दूर से कंट्रोल करने वाला मोबाइल सिम कंट्रोल नहीं कर पायेगा और लोकल में ही अगर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का एजेंट या मांबाइल सिम बेचने वाले कारिंदे या इंटरनेट सामान रूटर या वायरलेस डिवाइसेज , कैमरे वाइफाइ या वेबकैम बेचने या इस्तेमाल करने वाले किसी के द्वारा गड़बड़ी की जा रही होगी तो आसानी से पकड़ में आ जायेगी , यह गड़बड़ी ट्रांसमिशन टावर से भी की जा रही होगी तो आसानी से पकड़ में लाने के लिये अपने मोबाइल फोन को एक टावर से दूसरे स्थान की ओर ले जाते वक्त स्विच आफ करके ले जाइये , दूसरे तीसरे चौथे टावर लोकेशन पर इसी तरह अलग अलग चेक कर लीजिये , गड़बड़ी वाला टावर आसानी से पकड़ में आ जायेगा , आपको आई टी एक्ट 2000 के संशोधित अधिनियम व सभी संशोधित प्रावधानों का बेहतर ज्ञान किसी अच्छे सायबर क्राइम स्पेशलिस्ट एडवोकेट से पाना चाहिये ।
उसके उपरांत ललिता कुमारी बनाम बिहार राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश और दिशा निर्देशों के अनुसार पुलिस को एफ आई आर धारा 154 द प्र सं के तहत देना चाहिये , उसके उपरांत जिला पुलिस अधीक्षक को द प्र सं की धारा 154(3) के तहत और वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयो को द प्र सं की धारा 36 के तहत आई जी , डी आई जी से लेकर डीजीपी तक इसी धारा 36 के तहत शामिल हैं एफ आई आर भेजना चाहिये, अपराध के सबूत इकठ्ठे करना और अपराध सिद्ध करना पुलिस का काम है , यदि फिर भी पुलिस कार्यवाही न करे तो ललिता कुमारी बनाम बिहार राज्य के अनुसार आप पुलिस को केस देने के 15 दिन गुजरने ( 15 दिन गुजरने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सन 2019 में जारी किया है ) के बाद कभी भी आप जिला अदालत में धारा 200 का परिवाद लायें और जिला अदालत उसे रिजेक्ट करे या न सुने तो हाईकोर्ट में धारा 482 की पिटीशन लायें हाईकोर्ट एफ आई आर दर्ज करने और विवेचना करने व उसका धारा 173 के तहत रिपोर्ट यानि कि चालान पेश करने का आदेश जारी करेगा । इसमें खास ख्याल रखने वाली बात यह होगी कि आपने खुद ने जो भी जानकारी या साक्ष्य या सबूत इकठ्ठे करें हैं उन्हें बाकायदा किसी तकनीकी स्पेश्लिस्ट या किसी ऐसे एडवोकेट की मदद से जिसने कि बी एस सी गणित से या इंजीनियरिंग करने के बाद एल एल बी की हो ,
उसकी यानि ऐसे एडवोकेट की सहायता से एक डायरी में सारे ब्यौरे कलमबद्ध कर लेने चाहिये , यह न केवल हाईकोर्ट में काम देंगें बल्कि बाद में एफ आई आर के अदालत में मुकदमें में यानि क्रिमिनल केस के रूप में चलने में मुलजिमों को सजा दिलाने में काम आयेंगेंं , क्योंकि इलेक्ट्रानिक एविडेसेज और इलेक्ट्रानिक रिकार्डस कितने भी बार डिलीट करने के बावजूद कभी ख्त्त्म नहीं होते , ये डिलीट हो जाने के बाद भी बड़ी आसानी से रिकवर हो जाते हैं । चूंकि इन मामलों में एफ आई आर दर्ज न करने वाले या इससे जिम्मेवार सभी पुलिस कर्मी भी इस अपराध में मुलजिम बनते हैं और उनकी नौकरी तो जाती ही है , वेतन पेंशन तो जप्त होते ही हैं , जेल भी तुरंत ही जाना पड़ता है , लिहाजा वे आखरी दम तक साक्ष्य सबूत नष्ट करेंगें और आपको अदालतों तक जाने से रोकेंगें ही , क्योंकि उन्हें अपनी हर चीज जाजी और सीधे सीधे सजा और जेल नजर आती है , इसलिये इस प्रकार के मामले में जिला स्तर पर भी और हाई कोर्ट के स्तर पर भी एडवोकेट सही सोचसमझ कर चयन करें , जिसे पुलिस के खिलाफ और सायबर क्राइमों का लड़ने का बेहतरीन ज्ञान और तजुर्बा हो । ........
-- नरेन्द्र सिंह तोमर ,एडवोकेट , म. प्र. उच्च न्यायालय , खंडपीठ ग्वालियर एवं समस्त अधीनस्थ जिला एवं सत्र न्यायालय ।

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