बुधवार, 11 नवंबर 2020

मध्यप्रदेश उपचुनाव परिणाम : एक विश्लेषण

 नरेन्द्र सिंह तोमर ‘’आनंद’’

म प्र विधानसभा के उपचुनावों के परिणामों पर अगर एक सरसरी नजर डालकर सिंहावलोकन करें तो तमाम राजनीतिक परिप्रेक्ष्य स्पष्ट दृष्टिगोचर होते हैं जिनका विष्लेषण हम यहां प्रस्तुत कर रहे हैं ।

इस उपचुनाव में भाजपा ने 28 में से 19 सीटें जीत कर राजनीति की एक नई परिभाषा और अर्थ दे दिये हैं और केवल 9 सीटें कांग्रेस को देकर उसके 15 महीने के कार्यकाल पर प्रश्नचिह्न लगा दिये हैं या कांग्रेस की गलत चुनावी रणनीति और प्रदेश कांग्रेस की असफलता या उसके धार विहीन नेतृत्व को नख दंत विहीन घोषित कर दिया है , यह सब विश्लेषण इस आलेख में हम कर रहे हैं ।

चित्त भी मेरी पट्ट भी मेरी

अगर इन विधानसभा उपचुनावों के परिणामों पर गौर करें तो अधिकांश कांग्रेस सीटें वही निकली या जीती हैं कांग्रेस ने, जहां ज्योतिरादित्य  सिंधिया की ‘’बी’’ टीम यानि सिंधिया के पुराने खिदमतगार दरबारीयों ने चुनाव लड़ा । यानि इधर से भी सिंधिया और उधर से भी सिंधिया ने ही चुनाव लड़ा ।

इस संबंध में एक पोस्ट हमने उस समय टिकट सूची के वक्त लिखी थी सामायिक होने के कारण उल्लेखनीय है – इत हैं चमचा , उत हैं चमचा ..... वगैरह वगैरह

कांग्रेस को खुशी मनानी चाहिये कि आखिर फिर भी कांग्रेस नहीं , सिंधिया ही जीते , सिंधिया की कृपा से ही अंतत: कांग्रेस की कुछ सीटें आईं ।

मुरैना विधानसभा के चुनाव परिणाम की बात करें तो बसपा प्रत्याशी रामप्रकाश राजौरिया 20 वें राउंड तक करीब दस हजार वोटों से आगे चलते रहे , पहले कांग्रेस के राकेश मावई से फाइट करते रहे , उसके बाद भाजपा के रघुराज सिंह कंसाना से फाइट करने लगे और कांग्रेस तीसरे नंबर पर चली गई । अचानक ही केवल तीन राउंड में यानि 21, 22, 23 वें राउंड में पूरे परिणाम हैरतअंगेज तरीके से पलट गये और पूरे प्रदेश में केवल एक सीट बसपा की जो शो हो रही थी , अचानक शो होना बंद हो गई । इसके बाद , दूसरे नंबर पर सिंधिया के भाजपा से रघुराज कंसाना और पहले नंबर पर सिंधिया के बी टीम सदस्य राकेश मावई ( कांग्रेस ) दिखने लगे , गोया सिंधिया का प्रभाव ही मुरैना सीट पर अचानक ही भाजपा और कांग्रेस के रूप में महज तीन राउंड में नजर आने लगा , और पहले के 20 राउंड का इतिहास बिल्कुल उसी तरह से बदल गया या गायब कर दिया गया , जैसे भारत का इतिहास अंग्रेजों ने  बदल दिया और राम भी गायब हो गये , प्रकाश भी गायब और श्रीकृष्ण भी गायब , महाभारत , रामायण सब गायब हो गये भारत  के इतिहास में से ।

समान ही कहानी दिमनी विधानसभा सीट की है ।

केवल एक घंटे में भाजपा सें कांग्रेस में आकर टिकट ले आने वाले रवीन्द्र तोमर सिंधिया के खिदमतगारों के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया के चरण सेवक बनकर कांग्रेस में शामिल होने से लेकर टिक्ट लेने तक ज्योतरादित्य सिंधिया के अंधभक्त रहे हैं ।

यह सिंघिया की कांग्रेस में ‘’बी टीम’’ के अहम और  खास नुमांइंदे हैं ।

खास बात है कि अपने नाम के साथ भिडोसा लिखने वाले रवीन्द्र तोमर का न तो भिडोसा से कोई ताल्लुक है और न कोई घर , जमीन या जायदाद ही भिडोसा में है – यह सब खुद ही रवीन्द्र तोमर ने इसी निर्वाचन में निर्वाचन आयोग को दिये गये शपथ पत्र में खुद ही लिख कर कहा और दिया है । मुरैना जिला में रवीन्द्र तोमर का न घर है और न चुनाव में मुरैना जिला का पता दिया है । रवीन्द्र तोमर के शपथपत्र के मुताबिक , उनके घर मकान संपत्ति सब इटावा जिला उत्तर प्रदेश में और भिण्ड तथा ग्वालियर में है । बैंक अकाउंट तमाम हैं मगर सब इटावा उत्तरप्रदेश और ग्वालियर में हैं । उसके बाद एक जगह बड़ा गांव में कुछ खेत होने का उल्लेख है । इसके सिवा कहीं कुछ नहीं है मुरैना जिला में । इसके बावजूद अपने नाम के आगे भिडोसा लिखना , यह समझ से परे है । बड़ा गांव नाम के साथ लिखते तो भी बात गले उतर जाती ।

खैर यह सीट भी सिंधिया के ही खाते में दूसरे तरीके से गई सिंधिया के ही कृपा पात्र और खास आदमी ने कांग्रेस की ओर से इस सीट पर सिंधिया का नाम इतिहास में पहली दफा लिख दिया ।

भाजपा की 19 और कांग्रेस की 9 सीटों के मायने और 7  सीटें कांग्रेस की क्षेत्र विशेष में के मायने

पूरी 28 विधानसभा सीटों में से 19 सीटें भाजपा ने और 9 सीटें कांग्रेस ने जीतीं हैं , सन 2018 में इनमें से 27 सीटें कांग्रेस जीती थी ।

अगर देखें तो 27 में से 19 सीटें कांग्रेस ने खो दी हैं ।

और 7 सीटें केवल क्षेत्र विशेष में कांग्रेस जीती है , जिनमें सुमावली , गोहद , ग्वालियर पूर्व की सीटें , ब्यावरा सीट , इस क्षेत्र विशेष में शुद्ध कांग्रेसी प्रत्याशीयों और कांग्रेस की स्पष्ट व शुद्ध जीत है , मेहगांव और जौरा सीट पर सभी राउंड पर नजर डाली जाये तो हर राउंड में जबरदस्त फाइट कांग्रेस ने भाजपा से की है , और मेहगांव विधानसभा सीट पर तो तमाम राउंड तक कांग्रेस निकटतम भाजपा प्रत्याशी से आगे बढ़त बनाये हुये रहे हैं ।

मेहगांव सीट पर भी शुद्ध कांग्रेसी से मुकाबला ज्योतिरादित्य सिंधिया से रहा है ,और हेमंत कटारे ने मार्केबल वोट और वोट प्रतिशत हासिल कर भिण्ड जिले की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा है और सिंधिया के अनुयायी कहे जाने वाले राकेश चौधरी को राजनीति के नेपथ्य में फेंक दिया है और राजनीति के अंतरिक्ष में उल्का पिंड के मानिंद लटका कर अप्रत्यक्ष रूप से भिंड जिला में राकेश चौधरी का प्रतिस्थापन खुद को स्थापित कर दिया है और स्वर्गीय सत्यदेव कटारे का असल उत्तराधिकारी ही नहीं बल्कि उनसे कहीं बढकर खुद को साबित कर दिया है , सत्यदेव कटारे अटेर विधानसभा से बाहर चुनाव नहीं लडे इसलिये वे जिले के सर्वव्यापी नेता नहीं बने , जबकि हेमंत कटारे ने इस मिथक को तोड़कर मेहगांव विधानसभा में दमदार और सशक्त जीतने वाली मौजूदगी दर्ज करा कर तमाम राजनीतिक विश्लेषकों को चौंका दिया है , और भावी राजनीतिक विश्लेषणों में एक विषय बना दिया है । भले ही हेमंत कटारे ने मेहगांव विधानसभा न जीती हो मगर जीत का अंतर पहली बार एकदम घटा कर और लगातार बढ़त बना कर मेहगांव विधानसभा की राजनैतिक जमीन को कुछ सोचने का विषय कर दिया है ।

फूल सिंह बरैया की हार भी सम्मानित और प्रतिष्ठित है , मात्र 161 वोट के अंतर से भाजपा की रक्षा सिरोनिया से हारे कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया की हार का कोई भी विशेष राजनीतिक महत्व और अर्थ नहीं है , इस महज एक कुयोग और राजनीतिक दुर्घटना मात्र ही कहा जा सकता है , और विजयी रक्षा सिरोनिया को हमेशा ही सोचना पड़ेगा कि वह हारी है या जीती है ।

इसी तरह डबरा में इमरती देवी और विजई कांग्रेस प्रत्याशी भी 3 साल तक सोचते रहेंगें कि वे हारे हैं या जीते हैं । मगर लाख सोचने पर तमाम लोग इसे वोट नहीं देने वालों और नोटा को मिले वोटों को ही जिम्मेदार समझेंगें ।

राजनीतिक सियासतदानी में कौन कौन घटेगा और कौन कहां किस मुकाम की ओर जायेगा तथा बढ़ेगा

इस उपचुनाव के परिणामों के वैसे तो कोई सत्ता आने जाने से खास ताल्लुक नहीं है , भाजपा को महज 8 सीटें जीतनी थीं सो बहुत आसान थीं और सबको ही उम्मीद थी, सो वो तो दोपहर एक बजे तक सब साफ हो ही गया था , 8 सीट के बाद की कोई भी सीट भाजपा या शिवराज के लिये केवल प्लस मात्र थी और समर्थन से लंगड़ी लूली या दवाब में रहने वाली सरकार से बाहर मुक्त सरकार के रूप में उपलब्धि मात्र थी । सो 8 की जगह 19 सीटें जीत कर वह बात भी खत्म हो गई । मतलब कमलनाथ की सरकार के भी एक्स्ट्रा बल अब भाजपा में और शिवराज में आ गये । और अब शिवराज सरकार मनमर्जी से निर्णय ले सकती है और कायदे कानून बना सकती है और चला सकती है ।

इस सबके भी कुछ लंबी दूरी के मायने हैं , जिसमें बहुत से राजनेताओं का और राजनैतिक दलों का सुदीर्घ भविष्य और राजनीति तथा रणनीति छिपी हुई है ।

प्रदेश स्तर से स्थानीय जिला , तहसील व ब्लाक स्तर तक राजनैतिक चेहरे बदलने की दरकार सत्तारूढ़ भाजपा और अपदस्थ कांग्रेस दोनों को ही रहेगी तो बसपा और जैसी पार्टीयों का अभी अपनी खोई हुई जमीन तलाशनी होगी ।

इस विषय पर विश्लेषण करने से पहले यह जरूरी होगी कि कहां क्यों व कैसे कौन कौन हारे या जीते

सबसे पहले कांग्रेस की बात करें – तो कांग्रेस की सरकार अपदस्थी के बाद पुनर्वापसी की प्रायिकता पर बात करना लाजिमी होगा

कांग्रस को लौटा कर फरवरी 2020 और 8 मार्च तथा उसके बाद के घटनाक्रम में वापस लाना होगा , 23 फरवरी 20 तक कांग्रेस में मंत्री रहे तमाम लोग ट्विटर , फेसबुक पर खुद की और कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां बता रहे थे , सार्वजनिक कार्यक्रम की तस्वीरें बढ़ा चढ़ा कर शेयर कर रहे थे और कांग्रेस सरकार को सबसे बेहतरीन सरकार बता और साबित करने में जुटे थे । यह सब कुल 22 कांग्रेसी अंतत: 25 फरवरी 2020 से लापता होने लगे और सोशल मीडिया पर इनके अपडेटस आने बंद हे गये । 28 फरवरी तक पूरी तरह से इनकी नेटवर्किंग जुदा ओर अलहदा होने लगी ।

मार्च 2020 में कांग्रेस तब तक मुंह पर ठीपुरी रखे मौन बैठी रही और महाराज के चरण चुबन में लगी रही जब तक खुद महाराज यानि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद ही इस्तीफा नहीं दे दिया और उसके बाद खुद ही अपने इस्तीफे को ट्विटर के जरिये सार्वजनिक नहीं कर दिया । तब तक कांग्रेस के सभी नेता प्रदेश स्तर से लेकर ( सिंधिया पीड़ित या प्रभावित जिलों के जिला स्तरीय और तहसील स्तर तक ) नीचे के स्तर तक के कांग्रेस नेता सिंधिया के अंधे चमचे और चरणदास तथा चरण भक्त थे ।

सिंधिया के इस्तीफे और खुद ही सबको बताने के लिये सवार्वजनिक कर देने की बाद भी अंधभक्त कांग्रेसी बेहद दहशतजदा और डरे हुये थे और तब भी कुछ बोलने या कहने या सोशल मीडिया पर कहने से भयभीत और मुंह बंद थे ।

जब सिंधिया शाम को भाजपा जाइन करने वाले थे तब उस वक्त हमने पहली पोस्ट लिखी फेसबुक पर और सिंधया को इस सबके राजनैतिक मायने समझा दिये , ज्योतिरादित्य तो खैर जब तब ही सोशल मीडिया पर आते हैं , उनके सोश मीडिया को उनकी पत्नी ही चलातीं हैं , और वे ही हर समय सोशल मीडिया के जरिये जन संपर्क में रहतीं हैं और पोस्ट , कमेंट और रिप्लाई करतीं हैं । अलबत्ता सिंधिया का सोशल मीडिया नेटवर्क प्लेटफार्म इसीलिये बेहद सशक्त और समर्थ है क्योंकि यह उनके किसी भी चमचे या कर्मचारी द्वारा नहीं चलाया जाता बल्कि उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे द्वारा ही संचालित किया जाता है ।

खैर अंतत: कुछ समय पश्चात ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा ज्वाइन कर ली , बाद में उनके समर्थकों ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली । उधर दूसी ओर तत्समय बैंगलोर एपिसोड लगातार चल रहा था , लगातार वीडियो और तमाम लिखत दस्तावेजों के फोटोग्राफ और बयान वगैरह आ रहे थे , हमें भी मिल रहे थे , मगर कांग्रेस केवल इंतजार कर रही थी , कि कुछ नहीं होगा , कोई इस्तीफा नहीं देगा और सब कांग्रेस में ही रहेंगें ।

उधर दूसरी ओर कांग्रेस की ओर से कांग्रेस के द्वितीय स्तर और कैडर के नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ  बयानों की  हवाई फायरिंग शुरू कर दी , और फिर उनसे नीचे तीसरे , चौथे और पांचवें छठे स्तर के नेताओं ने सोशल मीडिया पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बम्बार्डमेंट शुरू कर दिया , उधर कांग्रेस बंगलौर में बागीयों को मनाने में लगी रही और इधर सिंधिया को गरियाती रही ।

अंतत: बंगलौर एपिसोड में हैरत अंगेज तरीके से मुरैना जिला के तीन लोग ऐदल सिंह कंसाना , रघुराज कंसाना और गिर्राज डंडोतिया भी जुड़ गये और अचानक बंगलौर पहुंच गये ।

कुल मिलाकर फिर सबको पता ही है कि क्या हुआ , कमलनाथ अपदस्थ हो गये , शिवराज पदस्थ हो गये । फिर कोरोना का ग्रहण लग गया और फिर अंतत: उपचुनाव का आगमन हो गया ।

अब इस सबमें ऊपर कुछ तो विश्लेषण लायक मिल ही गया होगा कि ऊपर क्या है जो सुधारा जाये ।   

 

क्रमश: जारी अगले अंक में ......

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मंगलवार, 10 नवंबर 2020

नये कृषि कानूनों के तहत किसान अपनी फसल बेचने हेतु आनलाइन खरीद बिक्री केन्द्र में अपना पंजीयन करायें

   ग्वालियर टाइम्स , नये कृषि अधिनियमों के अनुसार कोई भी किसान और पशुपालक अब अपनी उपज और उत्पाद तथा पशु , दूध व इनसे उत्पादित सामग्री व सामान कहीं भी कभी भी बेच और खरीद सकते हैं , जिसमें बीज से लेकर खाद तथा अन्य उत्पादित चीजें शामिल हैं । 

किसानों के लिये यह व्यवस्था आनलाइन भारतीय ई किसान आनलाइन खरीद बिक्री केन्द्र के पोर्टल पर ग्वालियर टाइम्स द्वारा उपलब्ध कराई गई है , इस पोर्टल पर नये कृषि कानूनों की जानकारी के साथ ही किसानों और पशुपालकों से संबंधित सभी जानकारियां भी उपलब्ध रहेंगीं और किसानों को अपने मोबाइल पर ही ताजा अपडेट मिलते रहेंगें , तथा उनके ई मेल पर भी अगर वे चाहें तो अपडेट मिलते रहेंगें । 

वे अपना माल मुनाफे के दाम पर जहां भी चाहें वहां इस पोर्टल के माध्यम से खरीद बेच सकेंगे , और इसमें बेचने वाले के बैंक खाते में पैसा सीधे ही एडवांस पहुंचेगा , तथा उसके बाद ही माल की सप्लाई डिलीवरी देनी होगी । खरीददार आनलाइन भुगतान किसी भी माध्यम से चुकता कर सकेगा , इस पोर्टल को भारत सरकार के औषधीय व जड़ी बूटी के क्रय विक्रय पोर्टल से भी लिंकअप किया है , इसलिये जड़ी बूटी , औषधीय पौधे आदि से संबंधित वनवासी भी इससे जुड़ें , और अपनी चीज का सही व सबसे ज्यादा मुनाफे का दाम पायें । 

नीचे दिये लिंक पर क्लिक करें और अपना पंजीयन करें , ऊपर से भाषा हिन्दी चयन करें और भगुतान मुद्रा रूपया चुनें । पंजीयन के बाद आपकों जानकारी की ई बुक , ई मेल से भेजी जायेगी कि पोर्टल का उपयोग कैसे करना है और खरीद बिक्री कैसे करनी है । 

भारतीय किसान केन्द्र

गुरुवार, 5 नवंबर 2020

नीटू आलियास सत्यपाल सिकरवार के भाजपा से निष्कासन के बाद उनके पिता गजराज सिंह सिकरवार को भी निष्कासित करने का प्रदेश भाजपा ने नोटिस जारी किया

 भारतीय जनता पार्टी मध्यप्रदेश के प्रदेश कार्यालय ने पार्टी के विरूद्ध गतिविधियों में लिप्त होने और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशीयों के विरूद्ध कार्य करने के मामले में सुमावली के पूर्व विधायक सत्यपाल सिंह सिकरवार उर्फ नीटू को भाजपा से निष्कासित कर दिया था , अब इसके बाद इसके अगले अनुक्रम में भारतीय जनता पाटी मध्यप्रदेश ने सुमावली के ही अन्य पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार तथा भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा गौरी शंकर शेजवार को भी इन्हीं समान आरोपों में निष्कासित करने की तैयारी कर ली है और नोटिस थमा दिये हैं । बहुत जल्द ही भाजपा अन्य पार्टी विरोधीयों और भीतरघातीयों के के खिलाफ भी कार्यवाही करेगी , सूत्रों से ज्ञात जानकारी के अनुसार आर एस एस की खुफिया इंटेलीजेंस और भाजपा के ग्रास रूट कैडर से प्राप्त बुनियादी सूचनाओं के इनपुट के बाद कनफर्मेशन होते ही भाजपा के भीतरघातीयों के विरूद्ध एक्शन शुरू हो गया है । गजराज सिंह सिकरवार के पुत्र सत्यपाल सिंह सिकरवार आलियास नीटू के अलावा ग्वालियर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे डा सतीश सिंह सिकरवार भी पुत्र हैं । और भाजपा इन्हें भी अगला कांग्रेसी और कांग्रेस एजेंट मानकर कार्यवाही कर रही है ।



भ्रष्टाचारम निवारणम अभियान …. ( मुरैना ) कलेक्टर ने उपयंत्री कृष्णकांत को 1500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया

 मुरैना 05 नवम्बर समय सीमा के अंदर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के आरोप में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पहाड़गढ़ के उपयंत्री कृष्णकांत शर्मा को 250 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से 6 दिन के हिसाब से 1500 रूपये के अर्थदण्ड से कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने दण्डित किया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत एक आवेदक ने सेवा प्राप्त करने के लिये 24 सितंबर 2020 को आवेदन दिया था जिसका डिस्पोजल उपयंत्री श्रीकृष्णकांत शर्मा को 1 अक्टूबर 2020 को करना था। निर्धारित तिथि तक सेवा प्रदाय नहीं करने तथा निर्धारित समय सीमा बीतने के 6 दिन बाद भी सेवा उपलब्ध नहीं कराने पर कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा ने उपयंत्री श्री शर्मा के खिलाफ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध मानते हुये अधिनियम की धारा 7 (1) ख के प्रावधानों के अनुसार सेवा में विलंब का कारण प्रति प्रकरण पर प्रतिदिन 250 रूपये के हिसाब से 6 दिवस का 1500 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है।
कलेक्टर ने उपयंत्री श्री कृष्णकांत शर्मा को 1500 रूपये के जुर्माने की शास्ति अधिरोपित करते हुये भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने के लिये सचेत किया है। यह काटी गई राशि आवेदक को प्रति आवेदन की दर से भुगतान की स्वीकृति प्रदान की है।


बुधवार, 4 नवंबर 2020

म.प्र. के मंत्री सखलेचा का दौरा कार्यक्रम

 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा 4 और 5 नवंबर 2020 को दिल्ली, जबलपुर,सतना और कटनी के प्रवास पर रहेंगे। मंत्री श्री सखलेचा 4 नवंबर की सुबह वायुयान से दिल्ली प्रस्थान करेंगे और स्थानीय कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। श्री सखलेचा 5 नवंबर को दिल्ली से वायुयान द्वारा प्रस्थान कर प्रातः 9:15 बजे जबलपुर पहुंचेंगे और औद्योगिक प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से चर्चा करेंगे। मंत्री श्री सखलेचा इसी दिन दोपहर 2 बजे सतना जिले के सज्जनपुर गणेशा पहुंचकर स्थानीय कार्यक्रमों में सम्मिलित होंगे। रात्रि 8 बजे कटनी पहुंचेंगे और औद्योगिक संघ के प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से चर्चा करने के बाद रात्रि 10 बजे प्रस्थान कर 6 नवंबर की सुबह भोपाल वापस आएंगे। 


भ्रष्टाचारम निवारणम अभियान .... नामांतरण के लिए पैसे मांगने के प्रकरण में एक की सेवायें समाप्त, वार्ड प्रभारी निलंबित, जोनल अधिकारी को नोटिस

 जैसी उम्मीद थी ,उपचुनाव का मतदान निबटते ही भ्रष्टों की खोपड़ी पर तलवार लटकी, शुरू हुआ ...... भ्रष्टाचारम निवारणम अभियान .... नामांतरण के लिए पैसे मांगने के प्रकरण में वार्ड प्रभारी निलंबित, जोनल अधिकारी को नोटिस

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर, भोपाल नगर निगम के अंतर्गत नामांतरण के एक प्रकरण में पैसे मांगे जाने की शिकायत प्रथम दृष्ट्या सही पाए जाने पर, वार्ड प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, वहीं जोनल अधिकारी को नोटिस जारी किया गया है।
भोपाल नगर निगम के अंतर्गत जोन 12, वार्ड 69 निवासी श्री कृष्णचंद भार्गव के नामांतरण के प्रकरण में वार्ड कार्यालय द्वारा पैसे मांगने की शिकायत को प्रथम दृष्ट्या सही पाया गया। इस पर नगर निगम आयुक्त भोपाल द्वारा वार्ड क्रं-69 (अशोका गार्डन) इकबाल नगर वार्ड प्रभारी रमीजुद्दीन को निलंबित किया गया है, वहीं जोन-12 के जोनल अधिकारी उमाकांत शर्मा को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। एक अन्य कर्मचारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं

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भ्रष्टाचार निवारणम : प्रभारी सीएमओ की 2 वेतन वृद्धि रोकने के आदेश

 भ्रष्टाचार निवारणम : प्रभारी सीएमओ की 2 वेतन वृद्धि रोकने के आदेश आयुक्त निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने झाबुआ जिले की नगर परिषद पेटलावद के तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी सुरेशचन्द्र त्रिवेदी की दो वेतन वृद्धि संचयी प्रभाव से रोकने के आदेश दिये हैं। त्रिवेदी की वेतन वृद्धि शासकीय कार्यों में अनियमितता के कारण रोकी गयी हैं।

शाम 5 बजे तक उपचुनावों का औसत मतदान 66.09 प्रतिशत रहा , विधानसभा वार मतदान प्रतिशत इस प्रकार रहा - देंखें

 विधानसभा उप निर्वाचन 2020 में प्रदेश के 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में शाम 5 बजे तक 66.09 प्रतिशत औसत मतदान हुआ।

मुरैना जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 4-जौरा में 66, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-5 सुमावली में 53.36, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 6-मुरैना में 55.6, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 7-दिमनी में 57.5, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 8-अम्बाह में 51.65, भिण्ड जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 12-मेहगांव में 58.13, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 13-गोहद में 52.88, ग्वालियर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 15-ग्वालियर में 48.75, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 16-ग्वालियर पूर्व में 42.99 एवं विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 19-डबरा में 57.1, दतिया जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 21-भांडेर में 71.59, शिवपुरी जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 23-करेरा में 72.11, विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 24-पोहरी में 70.05, गुना जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 28-बमौरी में 77.51, अशोकनगर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 32-अशोकनगर में 69.79 एवं विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 34-मुंगावली में 73.15 प्रतिशत मतदान हुआ ।

सागर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 37-सुरखी में 70.55, छतरपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 53-मलहरा में 68.06, अनूपपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 87-अनूपपुर में 67.6, रायसेन जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 142-सॉची में 68.87, राजगढ़ जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 161-ब्यावरा में 80.01, आगर-मालवा जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 166-आगर में 80.54, देवास जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 172-हाटपिपल्या में 80.84, खण्डवा जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 175-मांधाता में 68.76, बुरहानपुर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 179-नेपानगर में 72.65, धार जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 202-बदनावर में 81.26, इंदौर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 211-सांवेर में 74.34 और मंदसौर जिले के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 226-सुवासरा में 79.97 प्रतिशत मतदान हुआ।

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

80 फीसदी पुलिसिये शामिल रहते हैं , वीडियो कालिंग रैकी और सायबर ट्रेसिंग अपराधों में , करते हैं आई टी और सायबर सेल का दुरूपयोग

 

वीडियो  काल अटेंड करने से पहले हो जायें सावधान

नरेन्द्र सिंह तोमर , एडवोकेट

80 फीसदी आपराधिक  वारदातों में की जाती है रैकी और फिर हत्या से लेकर सायबर क्राइम और चोरीयों के लिये इस्तेमाल किये जाते हैं , मोबाइलों की लोकेशन और आपकी लोकेशन और पृष्ठभूमि से लेकर हालातों और हालत की ट्रेसिंग .... 

जहां इस समय सायबर क्राइम का जोर बढ़ता जा रहा है , वहीं अभी भारत के पुलिस विभाग में न तो सायबर क्राइम विशेषज्ञ उपलब्ध हैं और न तकनीकी जानकारी के विशेषज्ञ , केवल एथिकल हैकिंग के कोर्स मात्र करे चंद लोगों के जरिये ही पुलिस विभाग अपना काम चला रहा है जबकि सायबर क्राइम एक बहुत बड़ी व्यापक विधा है और इसका दायरा व क्षेत्र तकरीबन आम आदमी के सभी निजी जीवन तक और प्रायवेसी तक पहुचता है ।

98 फीसदी आम आदमी को पता ही नहीं चलता और पता ही नहीं हो पाता कि उसके छोटे से मोबाइल फोन या उसके आई फोन या टेबलेट या डेस्कटाप के जरिये न तो उसका कुछ भी निजी रहा है और न कोई भी जानकारी निजी रही है ।

मसलन कई बरस पहले जब स्मार्ट फोन दुर्लभ थे और 10 हजार लोगों में से किसी एक पर स्मार्ट फोन होता था । 3 जी नेटवर्क तक आदमी कुछ हद तक महफूज था । भारत में 4 जी नेटवर्क के साथ तमाम दुष्टतायें अपने आप ही साथ आ गईं । लेकिन 4 जी के साथ , सावधानियां और सुरक्षायें कंपनीयां उपलब्ध नहीं करा पाईं । या धन के लालच और प्रतिस्पर्धा से भयभीत होकर बाजार कैप्चर हाथ से निकल जाने के डर या लोभ लालच से जानबूझ कर नहीं कराई गईं । अब तो 5 जी का टर्निंग टाइम है , भारत में 5 जी की लांचिंग और टेस्टिंग 2018 में की गई थी और सितंबर 2018 तक इसे आम लोगों के लिये लांच करने की घोषणा की गई थी , लेकिन किसी वजह से इसे पहले जनवरी 2019 तक फिर सितंबर 2019 तक बढ़ाया गया , सन 2019 में 5 जी की स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई , इसे दो कंपनीयों ने खरीदा और बाद में एक अन्य कंपनी ने भी खरीदा । कंपनीयों ने सन 2019 में इसे जनवरी 2020 में चालू करने की घोषणा की , लेकिन कंपनीयां स्पेक्ट्रम खरीदने के बावजूद इसे अक्टूबर 2020 बीतने तक भारत में शुरू नहीं कर पाईं । जबकि 5 जी फोन बाजार में जनवरी 2020 के पहले ही सन 2019 में बाजार में आ गये ।

खैर नेटवर्क में कोई सी भी हो , मुख्य खतरा जहां से शुरू होता है उसमें पांच चीजें प्रमुख हैं 1. डिवाइस ( कम्प्यूटर , मोबाइल , लैपटाप , आई फोन आदि , डिवाइस की सम्यक परिभाषा आई टी एक्ट 2000 में देखें , यही परिभाषा व्यापक है , जिसमें किसी कम्यूनिकेशन डिवाइस को शामिल किया गया है चाहे वह कोई भी उपकरण हो और जिसका इस्तेमाल किसी भी संचार में या किसी भी माध्यम में आता हो जो किसी आवाज , इमेज , फोटो, वीडियो , या टेक्स्ट – लेख को कम्यूनिकेट करती हैं और संगृहीत की जाती हैं तथा एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरणीय और हस्तांतरणीय हैं ) चाहे वह फिजिकल हो , आप्टीकल हो या वायरलेस हो या इन्फ्रा रेड टेक्नालाजिकल कोई भी ( इन्फ्रारेड को सामान्य भाषा में आई आर कहा जाता है ) , कोई मॉडम या रूटर , कैमरा , ड्रॉन आदि सभी ( जिन के लिये गृह मंत्रालय द्वारा लायसेंस जारी किया जाता है वे मालवाहक ड्रोन , बगैर लायसेंस लिये कोई भी शख्स या कंपनी या सर्विस प्रोवाइडर कैसा भी कोई ड्रान कहीं भी नहीं , कभी भी नहीं उड़ा सकता या चला सकता है ) इस संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा विस्तृत निर्देश एवं नियमावली व अनुज्ञप्ति विधान जारी किये गये हैं , ग्वालियर टाइम्स इन्हें सम्यक अवसर पर प्रकाशित करेगी । डिवाइसों की सेटिंग प्रमुख विषय वस्तु है , जिसमें प्रायवेसी और सिक्योरिटी सेटिंग्स ( निजता , गोपीयता और सुरक्षा सेटिंग ) प्रमुख हैं इन्हें सोच समझ कर अपनी आवश्यकता नुसार बेहद सख्त मोड पर सेट करके रखना चाहिये , यदि वायरलेस या आई आर के जरिये इन सेटिंगों से कोई छेड़छाड़ करता है या पासवर्ड चुराता है या किसी या सारी सेटिंग्स अल्टर करता है या किसी डिवाइस को फेब्रिकेट करता है , जाली डिवाइस या सिम क्लोन करके बनाता या इस्तेमाल करता है तो यह सब सायबर क्राइम् के तहत आता है और आई पी सी की तमाम धाराओं सहित , आई टी एक्ट 2000 के तहत परिभाषित अपराध हैं और इनकी सजा आजीवन कारावास तक निर्घारित है ।

2. सिम – दूसरे पहलू में सिम कार्ड चाहे वह फिजिकल सिम हो या इलेक्ट्रानिक या ई सिम हो या किसी सिम से कनेक्ट होने वाला आई आर या वायरलेस नेटवर्क हो जिसमें डब्ल्यू पी एस , वाई फाई , वी पी एन , डायरेक्ट वायरलेस / डब्ल्यू पी एस कनेक्टिविटी आदि शामिल हैं । किसी ऐसी कंपनी की सिम लें जिसमें कंपनी किसी भी फ्री योजना में या प्रथम रीचार्ज ( एफ आर सी ) में लाइव , फ्री टी वी पैक , फ्री सबस्क्रिप्शन ( डाटा और कालिंग के अलावा ) उपलब्ध न कराती हो , सिमों को बेचने की यही योजनायें लोभ लालच में आदमी के साथ होने वाली वारदातों की मुख्य वजह बनती है और अपराधी जो कि अधिकतर सिम विक्रेताओं से जुड़े रहते हैं , ऐसी सिमों / नई सिमों ( अपराधीयों की भाषा में इन्हें कमजोर सिम या सिमों की कमजोरी कहा पुकारा जाता है और ऐसी सिमों को और सिम धारक को अपना टारगेट बनाया जाता है , सिम सुरक्षा के लिये सबसे अव्वल सिम कार्ड में लाक डाल कर रखना चाहिये । सिम लाक खोलने के लिये अपराधी को लाक पासवर्ड डालना पड़ेगा , और पी यू के कोड जानने की जुगत लगानी होगी । अगर आपका पी यू के कोड अपराधी किसी तरह से जान लेते हैं तो आप बजाय सिम बदलने के लिये अपना सिम पोर्ट करा दें , इसे एम एन पी कहा जाता है , कंपनी बदलते ही आपका पी यू के कोड अपने आप बदल जायेगा ।

अपराधी सामान्यत: ( 90 प्रतिशत सिम संबंधी क्राइमों में ) आपके सिम लाक कोड, पी यूके कोड , स्थानीय सिम विक्रेताओं या लोकल सिम डीलर से आसानी से हासिल कर लेते हैं , उसके बाद आपकी सिम को लास एंड डेमेज करने का खेल शुरू होता है और आपके ओटीपी , पासवर्ड , वीडियो कालिंग , डिवाइसों पर कम्यूनिकेशन , कालिंग , सिंक्रोनाइजिंग , क्लाउड सिंक्रोनाइजेशन आदि आपके उस नंबर की सारी की सारी अपराधी हासिल कर लेते हैं । कैसे किया जाता है यह इसी आलेख समाचार में आगे पढ़ें ।

3. इंटरनेट सर्फिंग / ब्राउजिंग / हैबिटस / क्लोनिंग / सिंक्रोनाइजेशन/ ट्राझन्स / की लागर्स / मालवेयर्स  तथा वायरस आदि

4. सीक्रेट/ हिडन डिवाइसेज  और एप्लीकेशन्स / साफ्टवेयर्स आदि जैसे मोबाइलों में हिडन कैमरा एप्लीकेशन इंस्टाल करना

5. सभी प्रकार की ट्रेसिंग डिवाइसेज / सभी प्रकार की ट्रेसिंग एप्लीकेशन्स / साफ्टवेयर्स आदि चाहे वे आफलाइन काम करतीं हों / चाहे वे आनलाइन काम करतीं हों या चाहे वे बैकग्राउंड में काम करतीं हों ( सभी आई पी सी और आई टी एक्ट में परिभाषित अपराध हैं

 

शेष अगले अंक में ........  कुछ केसेज सायबर क्राइम मुरैना जिला तथा कैसे बनाया जाता है आपको शिकार और कैसे आपकी जान माल खतरे में है , कैसे बचें आप इन अपराधीयों से , कैसे करते हैं अपराधी आई टी और सायबर का इस्तेमाल करते हैं अपराधी , पुलिस कहां और कैसे असफल होती है , कैसे पुलिस में ही घुसे बैठे हैं 90 फीसदी सायबर अपराधी ....

नरेन्द्र सिंह तोमर , एडवोकेट ( आई टी एवं सायबर क्राइम स्पेशलिस्ट   , म. प्र उच्च न्यायालय , खंड पीठ . ग्वालियर हाई कोर्ट , जिला एवं सत्र न्यायालय मुरैना

बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

दैनिक प्यारी दुनिया के पत्रकार आकाश यादव के पिता पर अज्ञात लोगों ने हमला

 

दतिया------- दैनिक प्यारी दुनिया के पत्रकार आकाश यादव के पिता पर अज्ञात लोगों ने हमला कर दिया। हमले में बुरी तरह घायल पत्रकार के पिता अनंत सिंह यादव को इलाज के लिए जिला अस्पताल में दाखिल कराया गया है। जहां एक ओर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है वहीं, दूसरी ओर पत्रकारों से जुड़े संगठनों ने हमले की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
 
पत्रकार आकाश यादव राजघाट कॉलोनी में रहते हैं वे कारस देव मंदिर पूजा अर्चना के लिए गए थे। लौटते समय  राजघाट कॉलोनी  के गेट पर रास्ते में अज्ञात बदमाशों ने पत्रकार के पिता पर हमला कर दिया और पत्रकार आकाश यादव के पिता की कट्टे के बट एवं लाठियों से पिटाई शुरू कर दी। हमला करने वालों ने अपने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था इसके चलते फिलहाल उनकी पहचान नहीं हो पाई। हमले की वजह भी साफ नहीं है। समस्त पत्रकार संगठन ने हमले की निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन से अपराधियों पर कठोर कार्यवाही की मांग की है।

बुधवार, 7 अक्तूबर 2020

भाजपा ने सभी 28 सीटों के उपचुनाव के लिये घोषित किये उम्मीदवार , पूरी सूची देंखें


 

 

रविवार, 13 सितंबर 2020

नरेन्द्र मोदी की वीसी में मुरैना से शामिल हुये शिवराज , सिंधिया और केन्द्रीय मंत्री तोमर

  

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ’गृह प्रवेश’ का शुभारंभ कर आज मध्यप्रदेश के पौने दो लाख प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को आवास उपलब्ध करवाया। ऑन लाइन गृह प्रवेश कार्यक्रम के माध्यम से मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के शानदार क्रियान्वयन का साक्षी आज पूरा देश बना। इस मौके पर मुरैना से कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत किया। वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कृषि राज्यमंत्री श्री गिर्राज दंडोतिया, पूर्व मंत्री श्री रुस्तम सिंह, एसीएस पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मनोज श्रीवास्तव, चंबल कमिश्नर श्री आरके मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज कुमार शर्मा, कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा भी शामिल हुए। मध्यप्रदेश के आवास पाने वाले हितग्राहियों से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आत्मीयता पूर्वक बातचीत भी की।       

हितग्राहियों से बातचीत
    प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि योजना में लाभान्वित अब हितग्राही अपने घर में रह रहे हैं। आपकी त्योहारों की खुशियाँ ज्यादा होंगी। जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने मैं स्वयं प्रत्यक्ष आता, लेकिन कोरोना ने विवश कर दिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने धार जिले के श्री गुलाब सिंह आदिवासी, सिंगरौली जिले के श्री प्यारेलाल यादव और ग्वालियर के श्री नरेन्द्र नामदेव से बातचीत की।
प्रधानमंत्री ने सराहा हल्मा पद्धति से बना घर
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने धार जिले के गुलाब सिंह आदिवासी से हल्बी बोली में संवाद आरंभ किया। उन्होंने हितग्राही श्री गुलाब सिंह की अच्छा घर बनाने के लिए तारीफ की। प्रधानमंत्री ने वयोवृद्ध श्री गुलाब सिंह की स्वस्थ्य की जानकारी ली, तो गुलाब सिंह ने कहा कि मैं मेरा कुछ दिन से स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अतरू मेरी ओर से मेरा बेटा बात करेगा। श्री गुलाब सिंह के सुपुत्र श्री मेरु ने बताया कि आवास मिलने से हुई अत्याधिक खुशी के कारण पिता थोड़े अस्वस्थ हैं। प्रधानमंत्री को मेरु ने बताया कि अंचल में प्रचलित हल्मा परंपरा से उन्होंने आवास निर्माण किया है। इसमें गांव के लोग मिलकर मकान बनाने का काम करते हैं और जिसका मकान बन रहा होता है, वह सबको भोजन करता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि शासकीय पहल और सामाजिक सहयोग की यह अनोखी मिसाल है। इसमें गांव के सभी लोगों की दक्षता का उपयोग होता है। यह जीवन को सरल बनाने का व्यवाहरिक उपाय है। सरकार भी गरीबों के सपने पूरे करने के लिए इस पद्धति पर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री गुलाब सिंह के आवास पर हुई चित्रकारी की प्रशंसा की। गुलाब सिंह ने बताया कि यह मांडना है जिसे इस अंचल में घर की साज-सज्जा के लिए बनाया जाता है।
प्रधानमंत्री ने पूछा- कहीं लेनदेन तो नहीं करना पड़ा
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगरौली जिले के बेढन के ग्राम पंचायत गडेरिया के श्री प्यारेलाल यादव से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने श्री यादव से पूछा की गृह प्रवेश के मौके पर खाने में क्या बना है और खुशी के इस मौके पर मीठे में क्या बना है। < br> प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा की आवास बनाने में कोई परेशानी तो नहीं आई। कहीं लेनदेन तो नहीं करना पड़ा? बैंक के कितने चक्कर काटे? इस पर श्री यादव ने बताया कि बिना चक्कर काटे समय पर किश्त हमारे खाते में आती रही और मकान बनाने के लिए जरूरी तकनीकी मार्गदर्शन भी मिलता रहा।
    श्री यादव ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने अपना घर फ्लायी एश (राखड़) की ईटों से बनाया है। यह किफायती भी रहा और सामान्य ईंट की तुलना में अधिक मजबूत भी है। प्रधानमंत्री ने इस नवाचार की प्रशंसा की और श्री यादव से उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जानकारी भी ली। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह केवल मकान बनाने की योजना नहीं है। यह आत्मविश्वास देने की योजना भी है। हमारी सोच है कि गरीबी को पराजित करना है तो हमें गरीब को ताकत देनी होगी। हमारी कोशिश है कि गरीबों की समस्याएं कम की जाएं। ताकि आप अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर संभव कोशिश कर सकें।
कच्चे मकान में सर्पदंश से हुई थी बेटे की मौत, पक्के मकान ने दी प्रसन्नता
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ग्वालियर जिले के योजना के हितग्राही श्री नरेन्द्र नामदेव से भी बातचीत की। श्री नरेन्द्र नामदेव ने बताया कि कच्चे मकान में उनके बेटे की सांप काटने से असमायिक मृत्यु हो गई थी। वो दुरूख बहुत बड़ा था लेकिन आज बहुत खुशी मिल रही है। मैं गांव के बच्चों के लिए गणवेश तैयार करता हूँ मेरी पत्नी भी सिलाई करती है हम लोगों ने जिला पंचायत के माध्यम से 8 दिन का सिलाई प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री नामदेव से कहा कि आपने बेटे की सर्पदंश से मृत्यु का दुख झेला है लेकिन अब आज यह मकान मिलने से जो प्रसन्नता हुई है उससे सभी प्रसन्न हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री नरेंद्र को कहा कि आपको चश्मा लगा है इससे मुझे ध्यान आया कि मेरी दादी कहती थी आँखों के कसरत के लिए सुई-धागे का उपयोग करना चाहिए। आप सिलाई कार्य करते हैं जिससे यह कार्य अपने आप हो जाता है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने श्री नरेन्द्र नामदेव के मकान को देखकर पूछा कि दीवारों पर किए गए रंग का चयन किसने किया है? श्री नामदेव ने बताया कि पत्नी अनिता ने यह रंग चुना। नामदेव दंपति ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को घर आने का आमंत्रण भी दिया, जिसके उत्तर में प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वे जरूर आएंगे।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हितग्राहियों से बातचीत के बाद उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से इन सभी हितग्राहियों का नया जीवन प्रारंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना सिर्फ मकान नहीं आत्मविश्वास भी देती है। आपदा को अवसर में बदला गया है। यह जनता को विश्वास देने वाला कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आज का दिन करोड़ों लोगों को भरोसा दिलवाता है कि योजनाएं सही ढंग से लागू होती हैं। ये घर आपके बेहतर भविष्य का आधार होगा, आप सभी नए जीवन की शुरुआत कीजिए। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हितग्राहियों से कहा अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी सजग रहें।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश की यह उपलब्धि मीडिया को भी जानना चाहिए। योजना में आमतौर पर एक मकान के निर्माण में 125 दिन लगते हैं। मध्यप्रदेश में बहुत से मकान सिर्फ 45 से 60 दिन में बन गए। मध्यप्रदेश में जिस गति से यह कार्य हुआ है, वह अपने आप में एक रिकार्ड है। मध्यप्रदेश में 1.75 लाख आवासों का निर्माम एक बड़ी उपलब्धि है। यह गति रही तो वर्ष 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मध्यप्रदेश का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
आवास योजना की विशेषताएं इन्द्रधनुषी   
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि इस योजना की सफलता का आधार है योजना का पारदर्शी होना। पहले भी घर बनते थे, दशकों से योजनाएं लागू हैं। आजादी के बाद से ही आवास बन रहे हैं, लेकिन करोड़ों लोगों को घर देने का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता था। सरकार हावी थी पहले। फर्क यह है कि अब हितग्राही उसका हिस्सा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आवास के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए शेड भी बन रहे हैं। ग्रामीण सड़कें भी बन रही हैं और अन्य कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र से ग्रामों में लौटे श्रमिकों को रोजगार भी मिला है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को गति मिली है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि आवास योजना में पहले निर्मित घरों में लोग शिफ्ट नहीं होते थे। ये पुराने अनुभव देखे गए और नई सोच से योजना लागू की गई। अब पारदर्शी प्रक्रिया से कार्य हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि ग्रामीण लोगों का रहन-सहन अलग होता है। अब घरों की गुणवत्ता पर भी ध्यान दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में वापस लौटे मजदूरों ने अपने परिश्रम से समय के पहले मकान बनाने का कार्य कर दिखाया।
मध्यप्रदेश ने आवास से 27 योजनाओं को जोड़ा
    प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा आवास योजना में अब लाभार्थी खुद मकान बनाता है। यह इन्द्रधनुषी स्वरूप है योजना का। इसके अपने रंग हैं। बिजली, पानी के लिए हितग्राही को अब भटकना नहीं पड़ता। हितग्राही को आवास के साथ अन्य योजनाओं का लाभ मिलता है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने योजना से 27 अन्य योजनाओं को जोड़ा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से गरीब को सिर्फ घर ही नहीं बल्कि उज्जवला, उजाला, स्वच्छ शौचालय और आयुष्मान भारत आदि योजनाओं का लाभ भी इस योजना के कारण सीधे मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अच्छे क्रियान्वयन के लिए मैं शिवराज जी की सरकार को बधाई देता हूँ। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने।
ऑप्टिकल फायबर की क्रांति
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि देश में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के प्रयास हुए जिनका लाभ मिल रहा है। ऑप्टिकल फायबर पहुंचने से सेवाएं बेहतर हो रही हैं। देश में 116 जिलों में 19 हजार किलोमीटर का जाल बिछा दिया गया है। मध्यप्रदेश में भी 1300 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है, जो सराहनीय है। देश के 6 लाख गांव में ऑप्टिकल फायबर बिछाने के लक्ष्य के मुकाबले 2.5 लाख ग्रामों तक यह कार्य पूरा हो गया है। इसे गांव-गांव पहुंचाने के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानियाँ न छोड़ें
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन का समापन इस आव्हान के साथ किया कि कोरोना के संक्रमण की समस्या समाप्त नहीं हुई है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वो स्वच्छता का पूरा ध्यान रखे। इस संक्रमण को दूर करने की दवाई अर्थात वैक्सीन जब तक नहीं आती तब तक ढिलाई नहीं होना चाहिए। मास्क का उपयोग करें। परस्पर दो गज की दूरी अवश्य रखें।
मध्यप्रदेश में मकान बनाने का वार्षिक लक्ष्य पूरा, अब तक बने 17 लाख - मुख्यमंत्री श्री चौहान  
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि देश को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने वाले प्रधानमंत्री श्री मोदी का स्वागत है। हर गरीब का सपना होता है कि उसका अपना घर हो। हर व्यक्ति चाहता है कि इस जमीं पर उसका भी एक घर हो। श्री चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश के 1.75 लाख लोग आनंद के माहौल में हैं, जिन्हें आवास मिलें हैं। प्रदेश में उत्सव का माहौल है। इसके साथ ही अन्य लोग जिनके पास अपना मकान नहीं है, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। हितग्राहियों को योजना में चार किश्तों मे 654 करोड़ की राशि प्रदान की गई। इस वर्ष प्रदेश के वार्षिक लक्ष्य पूर्ण करते हुए 6 लाख मकान बन गए हैं। प्रदेश में 20 लाख के लक्ष्य के मुकाबले योजना के अंतर्गत 17 लाख आवास बनाए जा चुके हैं। मकान के साथ ही एक रूपये किलो की कीमत पर अनाज देने का कार्य भी किया जा रहा है। मध्यप्रदेश के ऐसे 37 लाख लोग जिनके पास पात्रता पर्ची नहीं थी, वे अब अनाज प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गृह प्रवेशम् कार्यक्रम 16 हजार 440 ग्राम पंचायतों के 26 हजार 548 ग्रामों में मनाया जा रहा है। इस कार्यक्रम से जुड़ने के लिए 1 करोड़ 24 लाख 92 हजार 394 लोगों ने प्री-रजिस्ट्रेशन करवाया जो योजना के प्रति जनता के उत्साह का प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के देश की 75वीं स्वतंत्रता वर्षगांठ पर हर व्यक्ति के अपने पक्के मकान का संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश पीछे नहीं रहेगा।

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जो जितनी देगा, उससे दुगनी लेगा , चंबल अटल प्रोग्रेस वे में किसानोंं द्वारा खुशी खशी दी जा रही जमीन पर मुख्यमंत्री शिवराज बोले

  

मुरैना 12 सितंबर ( ग्वालियर टाइम्स - मुरैना ब्यूरो )  अटल प्रोग्रेस-वे के लिये खुशी-खुशी जमीन दे रहे है किसान। शनिवार को श्योपुर और मुरैना जिले से 6 किसानों ने चंबल कमिश्नर कार्यालय में आकर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले। सभी 6 किसानों ने मुख्यमंत्री जी के सामने खुश होकर कहा कि मुख्यमंत्री जी आपने चंबल अटल प्रोग्रेस-वे को स्वीकृति दिलाकर हमारे क्षेत्र को चमन कर दिया है। हमारी आगे आने वाली पीड़ी को इस प्रोग्रेस-वे से रोजगार धंधे मिलेंगे। सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि जो जमीन हमें बदले में मिल रही है वो भी विकसित करके दी जा रही है और चंबल अटल प्रोग्रेस-वे के किनारे की जमीन हमें दी है, जिस पर हम ढ़ाबा होटल सहित अन्य धंधे खोल सकते है।
    मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी 6 किसानों को धन्यवाद देते हुये कहा कि चिन्ता मत करना, मुख्यमंत्री शिवराज आपके साथ है। जितनी किसान जमीन देगा, उससे दोगुनी जमीन सरकार किसानों को देगी। सरकार आप सभी के साथ है।
    राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सभी को सिंचित जमीन मिलेगी।  
    जमीन देने वाले किसानों में श्योपुर जिले के ग्राम सामरसा की जलेबीबाई है, जिन्होंने चंबल अटल प्रोग्रेस-वे को जमीन सर्वे क्रमांक 133 में से आधा हेक्टेयर जमीन दी है, बदले में इन्हें दातरदा में एक हेक्टेयर जमीन जलेबीबाई को दी गई है। श्योपुर के ही बनवाड़ा में नवलकिशोर प्रजापति ने जमीन सर्वे क्रमांक 95/1 में से दो बीघा जमीन दी है, बदले में सरकार ने 4 बीघा जमीन दी है। दातरदाकलां रामलखन बेरवा ने सर्वे नंबर 276 में से ढ़ाई बीघा जमीन प्रोग्रेस-वे को दी है। मुरैना जिले के रिठौनाकलां के पुरूषोत्तम पटेल ने सर्वे नंबर 11-10-15-24-191-197-199-200 में से 6 बीघा जमीन दी है। रिठौनाकलां के ही प्रदीप सिंह तोमर ने हल्का भुज 8 में से 6 बीघा जमीन दी है। इसी तरह अंबाह के ऐसाह गांव के जगदीश शर्मा ने सर्वे नंबर 171 में से 13 बीघा 16 वीसवा जमीन चंबल अटल प्रोग्रेस-वे को दी है। 
    मौके पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से भेंट की। प्रधानमंत्री आवास मिले, जिसमें बिचौना गांव के लक्ष्मण, जारह की श्रीदेवी दर्शनलाल ने मौके पर आवास मिलने की खुशी में मुख्यमंत्री को बधाई देते हुये कहा कि मुख्यमंत्री जी आप गरीबों सर्वहारा वर्ग के मददगार हो। 
    इस अवसर पर चंबल कमिश्नर श्री आर.के. मिश्रा, पुलिस महानिरीक्षक श्री मनोज शर्मा, कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री अनुराग सुजानिया, जिला पंचायत के सीईओ श्री तरूण भटनागर, अतिरिक्त चंबल कमिश्नर श्री अशोक चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

शुक्रवार, 4 सितंबर 2020

सायबर क्राइम और सोशल मीडिया पर हतोत्साहित होने से कैसे बचें और मुलजिम कैसे पकड़ें भाग - 1

सायबर क्राइम और हेकिंग कैसे पहचानें और क्या कानूनी कार्यवाही करें कि हैकर्स और आनलाइन आपको सोशल मीडिया तथा अन्य जगह हतोत्साहित करने वाले क्रिमिनल्स को सजा दिलाकर जेल भिजवायें -- नरेन्द्र सिंह तोमर '' आनंद'' एडवोकेट , सायबर क्राइम स्पेशलिस्ट एडवोकेट
बहुत खतरनाक है माइक्रोसाफ्ट का एज क्रोमियम ब्राउजर ..... हेकर्स के लिये बेहद आसान और प्राक्सी वेबसाइट ... नकली वेबसाइटों की ओर रीडायरेक्ट करना .... नये एज क्रोमियम वेब ब्राउजर की विशेषता है , सेव्ड पासवर्ड का हैकर्स के लिये आसानी से इस्तेमाल करना तथा मनमाने नकली प्रदर्शन करना आदि नये एज क्रोमियम ब्राउजर की खासियतें हैं , बच कर रहिये , इसे एंटीवायरस भी सिक्यारिटी प्रदान नहीं करता है , इसमें व्हाटस वेब भी नहीं चलता है और इस एज क्रोमियम ब्राउजर को डिनाई कर देता है ,जबकि इसके उलट इंटरनेट एक्सप्लोरर , गूगल क्रोम ब्राउजर सही काम करते हैं , जबकि फायर फॉक्स को एंटीवायरस सिक्योरिटी प्रदान नहीं करता , हालांकि इसमें व्हाटस एप्प वेब सही चलता है .... अत: इंटरनेट इस्तेमाल करते समय या सर्फिंग करते समय ब्राउजर का चयन काफी सोच समझ कर करें और सिस्टम के सेव पासवर्डों को हर 36 र्घंटे पर बदलते रहें , हालांकि मात्र अकेला माइक्रोसाफ्ट अपने ई मेल में हर 72 घंटे पर पासवर्ड बदलने की सुविधा देता है लेकिन अन्य कोई नहीं , लिहाजा आप कोई सा अकाउंट इस्तेमाल करें दो चरणीय सत्यापन अवश्य लागू करें ।
हैकर इसके बाद अपने आपकी मोबाइल सिम को कनेक्ट करने/ हैक करने का प्रयास करेगा , आप बड़ी आसानी से पकड़ सकेंगें कि हैकर अगल बगल में है या दूर से रिमोट कंट्रोल किया जा रहा है , दूर से कंट्रोल करने वाला मोबाइल सिम कंट्रोल नहीं कर पायेगा और लोकल में ही अगर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का एजेंट या मांबाइल सिम बेचने वाले कारिंदे या इंटरनेट सामान रूटर या वायरलेस डिवाइसेज , कैमरे वाइफाइ या वेबकैम बेचने या इस्तेमाल करने वाले किसी के द्वारा गड़बड़ी की जा रही होगी तो आसानी से पकड़ में आ जायेगी , यह गड़बड़ी ट्रांसमिशन टावर से भी की जा रही होगी तो आसानी से पकड़ में लाने के लिये अपने मोबाइल फोन को एक टावर से दूसरे स्थान की ओर ले जाते वक्त स्विच आफ करके ले जाइये , दूसरे तीसरे चौथे टावर लोकेशन पर इसी तरह अलग अलग चेक कर लीजिये , गड़बड़ी वाला टावर आसानी से पकड़ में आ जायेगा , आपको आई टी एक्ट 2000 के संशोधित अधिनियम व सभी संशोधित प्रावधानों का बेहतर ज्ञान किसी अच्छे सायबर क्राइम स्पेशलिस्ट एडवोकेट से पाना चाहिये ।
उसके उपरांत ललिता कुमारी बनाम बिहार राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश और दिशा निर्देशों के अनुसार पुलिस को एफ आई आर धारा 154 द प्र सं के तहत देना चाहिये , उसके उपरांत जिला पुलिस अधीक्षक को द प्र सं की धारा 154(3) के तहत और वरिष्ठ पुलिस अधिकारीयो को द प्र सं की धारा 36 के तहत आई जी , डी आई जी से लेकर डीजीपी तक इसी धारा 36 के तहत शामिल हैं एफ आई आर भेजना चाहिये, अपराध के सबूत इकठ्ठे करना और अपराध सिद्ध करना पुलिस का काम है , यदि फिर भी पुलिस कार्यवाही न करे तो ललिता कुमारी बनाम बिहार राज्य के अनुसार आप पुलिस को केस देने के 15 दिन गुजरने ( 15 दिन गुजरने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने सन 2019 में जारी किया है ) के बाद कभी भी आप जिला अदालत में धारा 200 का परिवाद लायें और जिला अदालत उसे रिजेक्ट करे या न सुने तो हाईकोर्ट में धारा 482 की पिटीशन लायें हाईकोर्ट एफ आई आर दर्ज करने और विवेचना करने व उसका धारा 173 के तहत रिपोर्ट यानि कि चालान पेश करने का आदेश जारी करेगा । इसमें खास ख्याल रखने वाली बात यह होगी कि आपने खुद ने जो भी जानकारी या साक्ष्य या सबूत इकठ्ठे करें हैं उन्हें बाकायदा किसी तकनीकी स्पेश्लिस्ट या किसी ऐसे एडवोकेट की मदद से जिसने कि बी एस सी गणित से या इंजीनियरिंग करने के बाद एल एल बी की हो ,
उसकी यानि ऐसे एडवोकेट की सहायता से एक डायरी में सारे ब्यौरे कलमबद्ध कर लेने चाहिये , यह न केवल हाईकोर्ट में काम देंगें बल्कि बाद में एफ आई आर के अदालत में मुकदमें में यानि क्रिमिनल केस के रूप में चलने में मुलजिमों को सजा दिलाने में काम आयेंगेंं , क्योंकि इलेक्ट्रानिक एविडेसेज और इलेक्ट्रानिक रिकार्डस कितने भी बार डिलीट करने के बावजूद कभी ख्त्त्म नहीं होते , ये डिलीट हो जाने के बाद भी बड़ी आसानी से रिकवर हो जाते हैं । चूंकि इन मामलों में एफ आई आर दर्ज न करने वाले या इससे जिम्मेवार सभी पुलिस कर्मी भी इस अपराध में मुलजिम बनते हैं और उनकी नौकरी तो जाती ही है , वेतन पेंशन तो जप्त होते ही हैं , जेल भी तुरंत ही जाना पड़ता है , लिहाजा वे आखरी दम तक साक्ष्य सबूत नष्ट करेंगें और आपको अदालतों तक जाने से रोकेंगें ही , क्योंकि उन्हें अपनी हर चीज जाजी और सीधे सीधे सजा और जेल नजर आती है , इसलिये इस प्रकार के मामले में जिला स्तर पर भी और हाई कोर्ट के स्तर पर भी एडवोकेट सही सोचसमझ कर चयन करें , जिसे पुलिस के खिलाफ और सायबर क्राइमों का लड़ने का बेहतरीन ज्ञान और तजुर्बा हो । ........
-- नरेन्द्र सिंह तोमर ,एडवोकेट , म. प्र. उच्च न्यायालय , खंडपीठ ग्वालियर एवं समस्त अधीनस्थ जिला एवं सत्र न्यायालय ।

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